Monday 1 July 2019

तो कब सोचें Logisticians अपनी Job में कुछ अलग करने की?


जब मार्केटिंग इग्ज़ेक्युटिवथे तनख़्वाह थी मात्र “20 हज़ाररुपए महीना और कंपनी को मुनाफ़ा कमा कर देते थे “4 लाख। मतलब तनख़्वाह से “20 गुनाज़्यादा। मैनेजर तथा मालिक सब ख़ुश रहते थे।
धीरे-धीरे तनख़्वाह बढ़ी और ओहधा भी और “10 सालोंबाद पद हो गया मैनेजर का एवं तनख़्वाह हो गई “1 लाख




दूसरी तरफ़ प्रतिस्पर्धा बढ़ी, तकनीकें बदलीं एवं जिम्मेदारियाँ भी बढ़ गईं लेकिन कमाई सिमट कर रह गई मात्र “3 लाख। मतलब केवल “3 गुना। इसी बीच, मंदी का दौर आया और कमाई जा सिमटी मात्र “2 गुनापर। 

अब सब नाख़ुश रहने लगे। कैसे मार्केटिंग वाले इस हाथी को पद-विमुक्त करें, प्लान करने लगे। ये बात मार्केटिंग वालेको भी समझ आने लगी,पर Salesmanतो "Salesmanहोते हैं। स्मार्ट, इंटेलिजेंट और एनर्जेटिक। किसी न किसी तरह कुछ वर्ष इधर-उधर करके उसी कंपनी में निकाल ही लेते है। सो निकाल लिये। बात जब ज़्यादा बिगड़ गई तो कंपनी बदल ली। लेकिन राहें वहाँ भी आसान नहीं होतीं। खिंच-तान लगा ही रहता है। बमुश्किल एक-दो-साल ही निकल पाते हैं कि पुनः कंपनी बदलनी पड़ती है और ये सिलसिला भी कुछ दिन ख़ूब चलता है। कोई कंपनी 6 महीने में ही छोड़ दी जाती है तो किसी में 3 साल तक निकाल दिए जाते हैं। 

पुरानी कंपनी को छोड़ने और नई कंपनी join करने के कारण भी भतेरे होते हैं। इस पर बाद में बात करेंगे। पर ज्यों-ज्यों एक ही तरह के कार्य में पारंगत होने के 15 वर्ष के समीप पहुँचते हैं मुश्किलें और भी बढ़ती चली जाती हैं। यहीं से उनका काम ख़राब होने लगता है और वह हताश एवं निराश रहने लगते है। ख़ास तौर पर ईमानदार “Salesman’s”

है न
यदि ऐसा है तो तो फिर ऐसा है क्यों? सोचिएगा? या उसके लिए भी फ़ुर्सत नहीं हैं? ख़ैर जो भी हो, जब इसे आप पढ़ ही रहे हैं तो ज़रा.....सोच भी लीजिए.....
क्योंकि आप केवल दो कार्यकरते हैं। 

1. बिज़्नेस जेनरेशन तथा 2. पेमेंट कलेक्शन 



लेकिन ये भूल जाते हैं कि यही दोमहत्वपूर्ण कार्यवे पैरहैं जिनपर मानव संचालित बिज़्नेस कि सारी इमारत खड़ी होती है। 

जल गया न दिमाग़ का बल्ब। ज्योति जलने कि बात इसलिए नहीं कि आप कुछ और ही समझ लेंगे।

अब सोचिए कि जब इतनी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी आपकी थी और है तो उम्र के इस पड़ाव पर आप ही सबसे ज़्यादा हताश और निराश क्यों हैं?
क्योंकि समय रहते आपने कंपनी के हित वाले तो ढेरों निर्णय लिए पर स्वयं के हित वाले निर्णय लेने भूल गए। जब कंपनी में प्रारंभिक 2-3 साल का समय बीत रहा था/ या बीत रहा है तभी स्वयं के हित वाले भी कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले लेने होते हैं लेकिन आपकी व्यस्तता और लापरवाही आपको ऐसा करने नहीं देती है और एक बड़ी चूक हो जाती है।हमारे साथ तो हुआ है, आपके साथ भी हुआ ही होगा? नहीं होता तो आप इसे पढ़ते ही नहीं। है न?

इस लेख को लिखने का हमारा मक़सद आपको ऐसी ग़लतियाँ करने से रोकना और सही मार्ग प्रशस्त करना है।
यदि आप चाहते हैं कि आप एक सफल मार्केटिंग प्रफ़ेशनल बनें तो हमसे अंत में दिए गए डिटेल्ज़ पर बात ज़रूर करें। हम आपकी हर संभव सहायता करेंगे।

हमें यक़ीन है कि हर लजिस्टिक्स सर्विसेज़ कि मार्केटिंगमें कार्यरत लोग इस दौर से ज़रूर गुज़रते हैं/ या गुज़र रहे हैं इसीलिए वो हमारी इस लेख को ध्यान से पढ़ेंगे, समझेंगे और हमसे संपर्क करेंगे। हमारे द्वारा फ़ोन/ईमेल के ज़रिए सुझाए गए रास्तो को अपनाएँगे। ताकि उम्र के इस पड़ाव में पहुँचने पर पछतावा न हो।

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